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रविवार, 27 मार्च 2011

साइनस का सिरदर्द

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साइनस का  सिरदर्द

 
साइनस हमारे शरीर की खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती हैं जो हमारे सिर को हल्कापन व सांस वाली हवा का नमी युक्त करतेहैं। जब कभी साइनस का संक्रमण हो जाता है तो ये सिरदर्द का भी कारण बनते हैं। परंतु सारे सिरदर्द का कारण साइनस ही नहीं होते, कई बार मरीज को साइनस के दर्द की बजाय माइग्रेन या तनाव वाला सिरदर्द हो सकता है।
  माइग्रेन सिरदर्द से चेहरे की नसें प्रभावित हो जाती हैं। जो कि माथे
, गालों और जबड़े को जाती हैं। इसकी वजह से साइनस के पास दर्द होता है। जब नाक व साइनस का संक्रमण होता है तो  लक्षण आंखों पर,माथे पर व गालों पर भारीपन महसूस होता है। कई बार तो नाक बंद,थकान, सर्दी के साथ बुखारचेहरे पर सूजन व नाक से पीला या हरे रंग का रेशा भी गिरता है। यद्यपि कई बार यह महत्वपूर्ण बात होती है कि कई सिरदर्द तो लंबे समय से चले आ रहे हैंनजले के कारण होते हैं। इसलिए जब कभी माइग्रेन का ईलाज करे तो साइनस सिरदर्द को जरूर मध्यनजर रखें।
 
साइनस के सिरदर्द में हमें क्या करना चाहिए :- वास्तव में साइनस के संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से माथे पर, गालों व ऊपर के जबाड़े में दर्द होने लगता है और साइनस सिरदर्द का कारण बनते हैं।
  सिरदर्द आगे झुकने व लेटने से बढ़ जाता है। इस सिरदर्द को कम करने के लिए साइनस की सूजन को कम करके मवाद व बलगम को निकाला जाता है। साइनस सिरदर्द को कम करने के निम्र उपाय हैं :- जैसे -
 
  1.
भांप : बारी-बारी
  दोनों नाक साफ करने के बाद एक बर्तन या स्टीमर में लगभग
300 मिलीलीटर
  पानी लेकर उबलने तक गर्म करे। जब उबलने लगे तो डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा उचित मात्रा में डालकर
पंखे व कूलर बंद कर कपड़ा ढककर नाक व मुंह से
लंबे-लंबे सांस आठ से दस मिनट तक लें। इसके बाद बीस मिनट तक हवा में न जाएं।

  2
सिकाई :- गर्म कपड़ा या फिर गर्म पानी की बोतल गालों के ऊपर रखकर सिकाई करनी चाहिए। यह प्रक्रिया लगभग एक मिनट के लिए दिन में तीन बार करनी चाहिए। इससे काफी आराम मिलता है।
  3
नाक की सफाई :- नाक की सफाई करने से भी सिरदर्द कम करने में काफी मदद मिलती है। माना जाता है कि नाक की झिल्ली पर अनेक प्रकार के वायरस, बैक्टीरियां, फफूंदी, धूल-मिट्टी के कणएलर्जी करने वाले कण व धूंआ आदि के कण होते हैं, जिनको
  साफ करने से बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। नाक को साफ करने के लिए आधा गिलास गुनगुना पानी लेकर उसमें एक च
?मच मीठा सोडा या एक चुटकी नमक मिलाना चाहिए, फिर एक हाथ की हथेली में लेकर नाक में पानी खिंचकर आगे निकाल देना चाहिए। इस प्रक्रिया से नाक बिल्कुल साफ हो जाते हैं तथा सिरदर्द में आराम मिलता है।
  4
दवाईयां :- कुछ एक दवाईयां जो सामान्यतौर पर दुकानों पर मिलती हैं जैसे पैरासिटामोल, निमुस्लाईड, बरूफैन, डाईक्लोफिनेक आदि,सिरदर्द ठीक करने के लिए ली जा सकती हैं। सिर में भारीपन को ठीक करने के लिए एंटीहिस्टामिन व डिकन्जैसटंटस व नाक में स्प्रे आदि इस्तेमाल किया जा सकता है।
    साइनस सिरदर्द अगर उक्त सावधानियों आदि से ठीक न हो तो डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए ताकि सिरदर्द का सदा के लिए ईलाज हो सके और अगर सिरदर्द आदि का कारण माइग्रेन हो तो उसका दवाईयां आदि लेकर ईलाज करवाना चाहिए।
 
एक्स-रे, सिटी स्कैन व एलर्जी टेस्ट आदि करवाकर यदि कोई नाक की हड्डी एवं साइनस की बीमारी आती है तो उस मरीज को दूरबीन का ऑपरेशन अवश्य करवाना चाहिए।

 



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