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रविवार, 3 अप्रैल 2011

लप्रोस्कोपिक सर्जरी

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में आज नित नए अविष्कार हो रहे हैं, उसी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की सर्जरी के क्षेत्र में आधुनिकतम देन है लप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिन रोगों के कारण पहले इलाज के अभाव में आमजन को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था, आज उन्हीं तकलीफों से लप्रोस्कोपिक सर्जरी की सहायता से कुछ ही घंटों में छुटकारा पाया जा सकता है। साधारण पुराने तरीके की खुली सर्जरी को छोड़ समझदार लोग व सर्जन लप्रोस्कोपिक सर्जरी ही अपना रहे हैं। लप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा जहां पेट की अंदरुनी बीमारियों को आसानी से खोजा जा सकता है वहीं बड़े चीरे की अपेक्षा मामूली से चीरे द्वारा ही बड़े से बड़े आपरेशन किए जा सकते हैं। इस विधि में सभी गतिवविधियों को टीवी स्क्रीन पर देखकर कार्य को अंजाम दिया जाता है। इस आधुनिक विधि से जहां आसानी से, पित्त की थैली की पथरी, बच्चेदानी एवं रसौली का आपरेशन, अपेंडिक्स एवं हरनियां, गदूद के आपरेशन, निसंतान की जांच आदि आसानी से संभव है।
वहीं दूसरी और लप्रोस्कोपिक सर्जरी में मरीज को दर्द भी नहीं सहन करना पड़ता एवं आपरेशन के दौरान खून की भी अत्यंत कम मात्रा में आवश्यकता पड़ती है एवं इस दौरान दवाओं की भी कम मात्रा में आवश्यकता पड़ती है।
साधारण सर्जरी से जहां लप्रोस्कोपिक सर्जरी कुल मिलाकर सस्ती पड़ती है, वहीं इसमें साधारण सर्जरी से होने वाले दुष्प्रभाव जैसे हर्नियां, आदि भी लप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान नहीं होते। लप्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ-साथ जो मुद्दा अहम है वह है कि सर्जरी करने वाला सर्जन भी अनुभवी होना अति आवश्यक है एवं सर्जन द्वारा सर्जरी के दौरान व्यवहार में लाई जाने वाली लप्रोस्कोपिक मशीन भी अति आधुनिक एवं अच्छी कंपनी द्वारा निर्मित होनी चाहिए तभी शत प्रतिशत सफलता मिलनी निश्चित होगी।



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